Khatu Shyam Temple Rajasthan के सीकर जिले में स्थित खाटू गांव में श्याम मंदिर स्थित है। यह श्याम मंदिर राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खाटू श्याम जी महाभारत के योद्धा घटोत्कच के पुत्र श्री कृष्ण का अवतार माने जाते हैं। ऐसा विश्वास है कि जो भी भक्त श्रद्धा से और भक्ति से श्याम जी का नाम जपते हैं उनकी सभी परेशानियां समाप्त हो जाती है और उन्हें श्याम बाबा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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Khatu Shyam Temple Rajasthan की कथा
खाटू श्याम मंदिर से जुड़ी कहानी हिंदू पौराणिक कथाओं में महाभारत काल से मिलती है बर्बरीक जो घटोत्कच का पुत्र थे आदित्य वीरता और पराक्रम के धनी थे। महाभारत युद्ध से पहले उन्होंने यह है प्रण लिया था कि वह युद्ध में उस पक्ष का साथ देगे जो कमजोर होगा जिससे न्याय बना रहे। हालांकि इसका परिणाम यह होता है कि दोनों पक्षों का संपूर्ण विनाश हो जाता और केवल बर्बरीक ही शेष रह जाते। इस विनाश को रोकने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक से उनका शीश दान करने की मांग करी बर्बरीक ने इसे सहजता से स्वीकार कर लिया बर्बरीक के इस बलिदान और समर्पण से प्रसन्न होकर श्री कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलयुग में बर्बरीक को श्याम जी के नाम से जाना जाएगा। खाटू गांव के अंदर और भक्तजन उनकी पूजा करेंगे जैसे श्री कृष्ण की पूजा की जाती है।
राजस्थान में खाटू श्याम मंदिर का निर्माण
महाभारत युद्ध के बाद भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक के सर को आशीर्वाद देखकर रूपवती नदी में प्रवाहित कर दिया। जब कलयुग की शुरुआत हुई तो यह शीश राजस्थान के खाटू गांव में एक स्थान पर दबा हुआ पाया गया जो पहले किसी को नहीं दिखाई देता था। एक दिन जब एक गाय उस स्थान से गुजरी तो अचानक उसके थनों से दूध बहने लगा यह देखकर गांव के लोग चकित हो गए और उन्होंने उसे जगह को खोदने का निर्णय लिया खुदाई के दौरान उन्हें बर्बरीक का शीश प्राप्त हुआ। खाटू के राजा रूप सिंह चौहान को सपने में आदेश मिला कि इस शीश को एक मंदिर में स्थापित किया जाए। इसी के बाद मंदिर का निर्माण हुआ और बर्बरीक का शीश वहां विधिपूर्वक स्थापित कर दिया गया।
Khatu Shyam Temple Rajasthan वास्तुकला
राजस्थान में खाटू श्याम मंदिर की वास्तुकला सफेद संगमरमर से बनी होने के कारण बेहद आकर्षित है। और इस वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण माना जाता है यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इसकी शानदार संरचना भी इसे सुंदर बनती है। मंदिर के विशाल प्रार्थना कक्ष को ”जगमोहन” कहा जाता है जो चारों ओर से दीवारों से घिरा हुआ है। जिन पर पौराणिक कथाओं के सुंदर चित्र उभरे हुए हैं प्रवेश और निकास द्वार भी संगमरमर के हैं। जिन पर सुंदर फूलों की नकाशी की गई है गर्भ ग्रह की बीच में चांदी की परत से ढके हुए हैं जो मंदिर की भव्यता को और भी बढ़ाते हैं।
Khatu Shyam Kund Rajasthan
खाटू श्याम मंदिर के पास स्थित एक पवित्र कुंड है, जिसे श्याम कुंड कहा जाता हैl धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है मान्यता है कि इस स्थान से खाटू श्याम जी का शीश प्राप्त हुआ था। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस कुंड में स्नान करने से शारीरिक रोगों का नाश होता है और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। लोग गहरी आस्था के साथ इस कुंड में डुबकी लगाते हैं और यह दृश्य यहां आम है विशेष रूप से हर साल आयोजित होने वाले फाल्गुन मेला महोत्सव के दौरान श्याम कुंड में स्नान करने को अत्यधिक शुभ और फलदाई माना जाता है।
Khatu Shyam Temple मैं कितनी आरती होती हैं
खाटू श्याम मंदिर में प्रतिदिन 5 आरती होती है जो भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं। इन आरतियों के दौरान गूंजते मंत्र और भक्ति संगीत से उत्पन्न शांति आदित्य होती है यदि आप इस पवित्र मंदिर की यात्रा का विचार कर रहे हैं तो किसी एक आरती में सम्मिलित होना आपके लिए खास अनुभव साबित हो सकता है।
खाटू श्याम जी की संपूर्ण पूजा विधि यहां से देखें
मंगला आरती: यह मंदिर खुलने के तुरंत बाद सुबह के समय की जाती है।
श्रृंगार आरती: इस आरती के दौरान खाटू श्याम जी की मूर्ति को सुंदर आभूषणों और वस्त्र से सजाया जाता है उसके बाद की जाती है।
भोग आरती: यह तीसरी आरती दोपहर में आयोजित होती है जब भगवान को भोग अर्पित किया जाता है।
संध्या आरती: यह आरती सूर्यास्त के समय शाम को की जाती है।
शयन आरती: यह आरती रात में मंदिर बंद होने से पहले अंतिम आरती की जाती है जिसमें भगवान को विश्राम के लिए संचित किया जाता है।
Khatu Shyam Temple Rajasthan Timing
खाटू श्याम मंदिर के दर्शन के समय सर्दी और गर्मी के अनुसार अलग-अलग होते हैं।
खाटू श्याम जी मंदिर दर्शन सर्दियों में: मंदिर सुबह 5:30 बजे खुलता है और दोपहर 1:00 बजे बंद होता है। शाम को यह फिर से 5:00 बजे खुलता है और रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।
खाटू श्याम जी मंदिर दर्शन गर्मियों में: मंदिर सुबह 4:30 बजे खुलता है और दोपहर 12:30 बजे बंद होता है। शाम को 4:00 से रात 10:00 तक दर्शन के लिए उपलब्ध रहता है।
Khatu Shyam Temple Rajasthan तक कैसे पहुंचे
रेल मार्ग: खाटू श्याम मंदिर तक रेल मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन रिंगस जंक्शन(RGS) है जो मंदिर से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्टेशन के बाहर आपको कई टैक्सी और जीप मिलेंगे जो मंदिर तक जाने के लिए तैयार रहती हैं। दिल्ली और जयपुर से रिंगस के लिए कई ट्रेन उपलब्ध है जिनमें से आप अपनी सुविधा के अनुसार चुन सकते हैं।
हवाई जहाज: खाटू श्याम मंदिर के निकटतम हवाई अड्डा जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो मंदिर से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डे से आप सड़क मार्ग द्वारा आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। सबसे उपयुक्त मार्ग सवाई जयसिंह मार्ग से होते हुए जयपुर-सीकर रोड और आगरा-बीकानेर रोड (NH) 11 है।
सड़क मार्ग: जयपुर और खाटू के बीच कई निजी और सरकारी बसें भी चलती हैं हालांकि इन बसों में आरक्षित सिट उपलब्ध नहीं होती खाटू के बस स्टॉप से आप ऑटो रिक्शा लेकर मंदिर तक पहुंच सकते हैं।